गठिया रोग (Arthritis) बुजुर्गो में होने वाली आम बीमारी है। लेकिन बदलते परिवेश में यह बीमारी अब युवाओं में भी खूब देखने को मिल रही है। इस बीमारी के मरीजों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है। इस समय देश की पूरी जनसंख्या में से करीब 15 प्रतिशत लोग गठिया की चपेट में हैं।
गठिया (Arthritis) |
इस रोग के कई मरीज अक्सर नीम-हकीमों झोलाछाप डॉक्टरों पर भरोसा कर उनसे इलाज करा लेते हैं। जिससे कुछ समय लगता है किआराम है लेकिन कुछ दिनों बाद गठिया रोग और जटिल बन जाता है।
गठिया को आर्थराइटिस या संधिवात कहते हैं। यह 100 से भी ज्यादा प्रकार का होता है। ध्यान न देने पर घुटना, कूल्हा आदि में इंप्लांट करने की भी नौबत आ जाती है। गठिया रोग को नियंत्रित न किया जाये तो इससे वाली जटिलताए और जोखिम बढ़ जाते हैं।
गठिया रोग क्या है? गठिया के लक्षण What Is Arthritis?
गठिया को आर्थराइटिस या संधिवात कहते हैं। यह 100 से भी ज्यादा प्रकार का होता है। ध्यान न देने पर घुटना, कूल्हा आदि में इंप्लांट करने की भी नौबत आ जाती है। गठिया रोग को नियंत्रित न किया जाये तो इससे वाली जटिलताए और जोखिम बढ़ जाते हैं।
- घुटने, कमर या कुल्हा हाथ पैरों की उंगलियां, कलाई पींठ आदि में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- जोड़ों में सूजन
- सुबह के समय जोड़ों में जकड़न
- जोड़ों की विकृति
- इस रोग में जोड़ों में गांठें भी बन सकती हैं
कुछ मामलों में अर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है। इसके कारण चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है। मानसून और ठंड के वक्त भी इसका दर्द बढ़ जाता है।
एक व्यक्ति के लक्षण दूसरे व्यक्ति से भिन्न हो सकते हैं। ये लक्षण आते-जाते रहते हैं और समय के साथ बदल सकते हैं।
गठिया का कारण क्या है (Cause Of Arthritis)
यह रोग किसी एक कारण से नहीं होता है। विटामिन डी की कमी से मरीज की अंगुलियों, घुटने, गर्दन, कोहनी के जोड़ों में दर्द की शिकायत होने लगी है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग झोलाछाप डॉक्टरों की गोलियों पर विश्वास करने लगते हैं। कुछ दिन राहत देने के बाद ऐसी गोलियां और चूर्ण सबसे नुकसानदेह साबित होते हैं।
- अल्कोहल,
- सी फूड, मांस,
- कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक मात्रा में सेवन
- आरामतलब जीवनशैली,
- कंप्यूटर पर बैठकर घंटों काम करना,
- खाने में जरूरी पौष्टिक तत्वों की कमी।
- जंक फूड का सेवन
- व्यायाम की कमी आदि के कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- शरीर में गठिया एक बार विकसित हो जाता है तो इससे कई और तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं।
गठिया रोग में क्या सावधानियां बरतें What Precautions Should Be Taken In Arthritis
2. कोशिश करें कि दिनचर्या नियमित रहे।
3. डॉक्टर की सलाह पर नियमित व्यायाम करें।
4. नियमित टहलें, घूमें-फिरें, व्यायाम एवं मालिश करें।
5. सीढ़ियां चढ़ते समय, घूमने-फिरने जाते समय छड़ी का प्रयोग करें।
6. ठंडी हवा, नमी वाले स्थान व ठंडे पानी के संपर्क में न रहें।
7. घुटने के दर्द में पालथी मारकर न बैठें।
यह किसे हो सकता है
- यह किसी को भी हो सकता है
- ओल्ड एज में अर्थराइटिस होना एक कॉमन डिजीज है
- मेनोपॉज के बाद महिलाओं में
- आपके परिवार में पहले किसी को गठिया रोग हुआ हो
- आप धूम्रपान करते हों
- शराब का सेवन करते हैं
- मांसाहारी भोजन,मांस, मछली और चिकन खाने वाले
- जंक फ़ूड का सेवन करने वालों को
- शारीरिक व्यायाम न करने वालों को
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इनसे विभिन्न प्रकार के गठिया के बीच के अंतर को बताने में सहायता मिल सकती है तथा देखरेख करने में प्रयोग किया जा सकता है कि आपकी स्थिति में समय के साथ कितना बदलाव आ रहा है।
चिकित्सक की सलाह कब लें
गठिया रोग का निदान जल्द महत्वपूर्ण है क्योंकि जल्दी उपचार से बदतर हो रही हालत को रोका जा सकता है और जोड़ों को पहुँचने वाले जोखिम को कम करने में सहायता मिलती है।
अगर गठिया अधिक गंभीर नहीं है तो गठिया का पूरी तरह उपचार संभव है। उसे खान-पान और जीवनशैली में बदलाव लाकर और दवाइयों के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है, ठीक किया जा सकता है।
डॉ. आदेश शर्मा
(MBBS MS)
हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ
शर्मा हॉस्पिटल मथुरा
9319332238
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