मंगलवार, 18 मई 2021

ऑस्टियोपोरोसिस क्या है? लक्षण, रोकथाम, उपचार

2015 में, 20% यानी की 46 मिलियन महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रषित हैं और 2050 तक हमारी जनसंख्या में बुजुर्ग लोगों की संख्या और अधिक बहुत बढ़ जाएगी। स्वास्थ्य योजनाओं में आए सुधार के कारण लोगों का जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) में गुणात्मक सुधार आया है जिससे सामान आयु दर बढ़ कर 70 तक होने की उम्मीद है – जिसका सीधा मतलब है ऑस्टियोपोरोसिस के साथ अधिक बुजुर्ग।



ऑस्टियोपोरोसिस क्या है?

हड्डियों का उत्थान (रीजेनरैशन) एक सतत प्रक्रिया है। लेकिन अगर उत्थान (रीजेनरैशन) से अधिक इसमें अपकर्ष (डिजेनरैशन) होता है तो इससे सामान्य हड्डी द्रव्यमान (बोन मास) प्रभावित होता है। हड्डी के द्रव्यमान (बोन मास) में आई कमी जब हड्डियों के सामान्य ढांचे से हस्तक्षेप करने लगती है तो इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस के रूप में पहचानते हैं। ऐसे में हड्डियां नाज़ुक और कमजोर हो जाती हैं, और थोड़े से भी खिंचाव या भार से फ्रैक्चर होने की संभावना बनी रहती है।

लक्षण:

आमतौर पर लक्षण तब सामने आते हैं, जब हड्डियों को काफी नुकसान पहुँच चुका होता है –
पीठ दर्द
पीठ में किसी भी तरह का उभार वर्टिब्र (लिस्टिसिस) के फ्रैक्चर होने के कारण हो सकता है
समय के साथ ऊंचाई कम हुई
झुका हुआ आसन
कमजोरी या आसानी से थक जाना
लगातार फ्रैक्चर आना

कारण और जोखिम के कारक:

इस विषय पर वैसे तो बहुत सिद्धान्त हैं परन्तु मुख्य बात यही है कि उम्र के बढ़ने की प्रक्रिया के साथ हड्डी के द्रव्यमान में कमी आती है जो इसके बनने की तुलना में बहुत अधिक है। ऑस्टियोपोरोसिस आपको होगा या नहीं ये इस बात पर निर्भर करता है कि 30 वर्ष के आयु में आपका हड्डी का द्रव्यमान कैसा था क्योंकि इसी आयु में हड्डी का द्रव्यमान सबसे अच्छा होता है। बाद के समय में बनने के मुकाबले इसमें गिरावट ज्यादा देखने को मिलता है। अब सवाल यह है कि भारतीय महिलाओं में 30 के अवस्था में हड्डियों के मास में कमी क्यों पाई जाती है?

विटामिन डी की कमी के व्यापक प्रसार के साथ कम कैल्शियम का सेवन
जीवन दर का बढ़ना
लिंग के आधार पर असमानता (यह अभी भी मौजूद है,लड़कियों को अभी भी दूध नहीं दिया जाता है)
मीनोपॉज का जल्दी आना
आनुवंशिक प्रवृतियां
निदान के सुविधाओं का अभाव
हड्डी के स्वास्थ्य से संबंधित ज्ञान का अभाव
सामाजिक मान्यताओं के कारण सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से बचना
पर्यावरण प्रदूषण
मीनोपॉज में महिलाओं में कम एस्ट्रोजन का स्तर
भारतियों में उच्च 25 (OH) -d-24-हाइड्रॉक्सिलेज़ एंजाइम
कैंसर ट्रीटमेंट थेरेपी
हाइपर्थाइरॉइडिज़म
ओवरएक्टिव पैराथायराइड और अड्रीनल ग्लैंड्स
पतले होने की मानसिकताके कारण ढंग से न खाना
बेरिएट्रिक सर्जरी
मिर्गी की दवा
गैस्ट्रिक रिफ्लक्स दवा
इम्यूनोंसप्रेसन्ट
सीलिएक रोग जैसे रोग

इन्फ्लैमटोरी बाउअल डिज़ीज़:
किडनी या लिवर की बीमारी
कैंसर
लुपस
मल्टीप्ल मायलोमा
रूमेटाइड आर्थराइटिस
बिना मूवमेंट का जीवन शैली
शराब का सेवन
धूम्रपान और तंबाकू का सेवन

जटिलताए:

ऑस्टियोपोरोसिस रीढ़ या कूल्हे के फ्रैक्चर जैसी अत्यधिक जटिल स्थितियों के रूप में सामने आता है। शावर में गिरने से जीवन भर के लिए विकलांगता हो सकती है या मृत्यु भी हो सकती है। आपने अपने 90 वर्ष के दादा दादी को देखे होंगे, वे कैसे झुके हुए और गतिहीन दीखते थे, ऐसा ज्यादातर ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हीं होता है।

निदान:

भारत में हुए बहुत सारे अध्ययनों में पाया गया कि उचित निदान की कमी और सही समय में हस्तक्षेप में देरी ऑस्टियोपोरोसिस की जटिलता का प्रमुख कारण है।

बीएमडी या बोन मास परीक्षण कूल्हे, रीढ़ की हड्डी के घनत्व को मापता है। एक पोर्टेबल मशीन इसे पिंडली से माप सकती है।

उपचार:
केवल एक विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा उचित चिकित्सा परामर्श के बाद ही लिया जाना चाहिए।

रोकथाम और घरेलू उपचार:
यदि आप अब अभी तक धूम्रपान नहीं छोड़े हैं
शराब का सेवन कम करें
गिरने से बचें, घर को ऐसे व्यवस्थितको करें कि जिससे गिरने की संभावना कम से कमतर हो, अच्छे जूते का प्रयोग करें, एंटीस्किड सतहों, अच्छी रोशनी बनाकर रखें
संतुलित वजन बना कर रखें न कम न ज्यादा
अच्छा आहार लें –
प्रोटीन जैसे – सोया, नट, फलियां, वेगंस और शाकाहारियों के लिए बीज, और डेयरी और अंडे
प्रतिदिन 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम लें जैसे – कम वसा वाले डेयरी उत्पादों, हरी पत्तेदार सब्जियों, डिब्बाबंद मछलियों जैसे सैल्मन या सार्डिन, सोया उत्पादों जैसे टोफू, फोर्टिफ़ाइड अनाज और संतरे
विट डी सूरज के माध्यम से या उच्च ऊंचाई और ठंडे क्षेत्रों में पूरक के रूप में लें
विट K2

शारीरिक गतिविधि:
डम्बल या मशीनों के साथ वजन प्रशिक्षण
कार्डियो जैसे चलना, टहलना, दौड़ना, सीढ़ी चढ़ना, रस्सी कूदना, स्कीइंग, ज़ुम्बा
बैलेंस एक्सरसाइज जैसे योगा, टैंडम वॉकिंग, वेट शिफ्टिंग
वजन कम करने वाले उछाल वाले व्यायाम जैसे तैराकी

लड़कियों को पर्याप्त कैल्शियम खुराक का विकल्प दिया जाना चाहिए ताकि वे स्वस्थ महिलाओं के रूप में विकसित हो सकें। हमें पतली और गोरी जैसे सुंदरता से जुड़े प्रतिमानों की जगह स्वस्थ और प्राकृतिक रंग को सुंदरता के नए प्रतिमान के रूप में गढ़ने की जरुरत है।


डॉ. आदेश शर्मा(MBBS, MS)
हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ, शर्मा हॉस्पिटल
नटराज की मूर्ति के पास, गोवर्धन चौराहा,
मथुरा - 9319332238


डॉ. आदेश शर्मा(MBBS, MS)




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